ऐडसेंस बेस्ट प्रैक्टिसेस – कमाई कैसे बढ़ायें

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ऐडसेंस बेस्ट प्रैक्टिसेस – आज ब्लॉग से कमाई करने के लिए सबसे ज़्यादा विश्वसनीय ऐड नेटवर्क गूगल ऐडसेंस ही है। हम पहले भी आपको ऐडसेंस रेवेन्यू बढ़ाने की टिप्स दे चुके हैं, लेकिन तब से पॉलिसी में बहुत परिवर्तन हो चुके हैं, और गूगल ने बहुत से टिप्स दिए हैं।

ऐडसेंस बेस्ट प्रैक्टिसेस 2017

AdSense Best Practices 2017

ऐडसेंस बेस्ट प्रैक्टिसेस

ऐड लेआउट को ऑप्टिमाइज़ करें

Optimize Ad Layout

ऐडसेंस बेस्ट प्रैक्टिसेस के अंतर्गत ऐड लेआउट का बड़ा महत्व है, इसलिए:

– जब भी वेब पेज पर कहीं ऐड लगाएं तो कमाई के साथ-साथ ब्लॉग डिज़ाइन के बीच एक संतुलन बनाए रखें।

– आपको यह पक्का कर लेना चाहिए कि सामान्य दिशा निर्देशों से परिचित हैं, और उनका उल्लंघन नहीं कर रहे हैं।

– मोबाइल वेब पेजों पर एबव द फ़ोल्ड एक 320×100 आकार की ऐड यूनिट का प्रयोग करें। इसे वहां लगाना चाहिए जहाँ यह पेज खोलने वाले सभी यूज़र्स को आसानी से दिख जाए।

– डेक्सटॉप वेब पेजों पर एबव द फ़ोल्ड एक 300×600 आकार की ऐड यूनिट लगानी चाहिए। जो एडवर्डटाइज़र्स ब्रैंड अवेयर्नेस बनाना चाहते हैं, वो इसमें रुचि रखते हैं।

– किसी वेब पेज पर सही यूनिट लगाने के साथ-साथ यह भी ज़रूरी है कि आप ऐसा कंटेंट लिखें और पब्लिश करें, जिससे आपकी ऑडियंस उसे बेहद पसंद करें।

मोबाइल रीडर्स के बारे पहले सोचें

Mobile Readers Are Growing Fast

आज जब हर किसी के हाथ में स्मार्टफोन है तो ऐडसेंस बेस्ट प्रैक्टिसेस में मोबाइल रीडर्स को शामिल किए बिना टॉपिक अधूरा रह जाएगा।

– अगर 3 सेकेंड में कोई वेबपेज न लोड हो तो बहुत से यूज़र्स वेब पेज छोड़कर चले जाते हैं। आज डेक्सटॉप से कहीं ज़्यादा सर्च मोबाइल से की जाती है। इसलिए पब्लिशर्स फ़ास्ट-लोडिंग मोबाइल साइट्स के महत्व को कतई इग्नोर नहीं कर सकते हैं।

– मोबाइल और डेक्सटॉप दोनों के लिए अलग अलग कंटेंट और ऐड स्ट्रैटजी बनाकर काम करें। क्योंकि जो रणनीति मोबाइज़ वर्शन के लिए काम करती है, ज़रूरी नहीं है कि वह डेक्सटॉप के लिए भी कारगर हो जाए।

– चूंकि अगर पेज 3 सेकेंड में न खुला तो बहुत से यूज़र्स वेब पेज बंद कर देते हैं कि वेब पेज की स्पीड बढ़ाने का प्रयास कीजिए।

– रिपांसिव ऐड यूनिट का प्रयोग करें, जो अलग अलग आकार स्क्रीन साइज़ पर अपना आकार खुद सेट कर लेती है।

– ऐड यूनिट को इस तरह से लगाना चाहिए जिससे वह कंटेंट से कम से कम 150px दूर रहे ताकि गलती से होने वाले क्लिक की संभावना घट सके।

– 320×50 के स्थान पर 320×100 आकार की ऐड यूनिट लगाएं, बड़ी यूनिट छोटे ऐड यूनिट भी दिखाती है, इसलिए ऐड कॉम्प्टिशन बढ़ जाता है।

ऐड क्वालिटी बढ़ायें

Improve Ad Quality

– वेब पेज को ऐड से भर कर कूड़े का ढेर न बनाएं, पाठकों के लिए अधिक उपयोगी कंटेंट रखें और ऐड लगाने की रणनीति को इसके साथ जोड़ें।

– ऐसे ऐड लेआउट न प्रयोग करें जो पाठकों को क्लिक करने के लिए उकसाते हों। अगर विज्ञापन और कंटेंट में अंतर कर पाना यूज़र्स के लिए सम्भव न हो तो आपका ऐडसेंस अकाउंट सस्पेंड भी किया जा सकता है।

– भूलकर भी अपने वेबपेज पर दिखने वाले किसी ऐड पर क्लिक न करें।

– अपने वेब ट्रैफ़िक की क्वालिटी पर नज़र रखने के लिए गूगल एनालिटिक्स का प्रयोग करें, अगर को ट्रैफ़िक पैटर्न में शक हो तो समस्या को जल्द से जल्द सही कर लें।

– ऐडसेंस डैशबोर्ड में माइ ऐड्स टैब के अंदर एड बैलेंस सब टैब एक नया फ़ीचर है जो आपके ब्लॉग पर परफ़ॉर्म न करने वाली ऐड यूनिट हटाने की जानकारी देता है। ताकि आपके ब्लॉग पर बेस्ट परफ़ॉर्मिंग ऐड यूनिट और अच्छा परफ़ॉर्म करे। इससे यूज़र्स एक्पिरिएंस और यूज़र एंगेजमेंट पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

– ऐडसेंस कोड इम्पलिमेंटेशन गाइड और कमपाइलेंस गाइड को ज़रूर फॉलो करें।

कंटेंट रणनीति को सही करें

Correct Content Strategy

ऐडसेंस बेस्ट प्रैक्टिसेस में कंटेंट रणनीति को भी शामिल किया जाता है, आइए देखें क्या हैं ज़रूरी बातें:

– हर पैराग्राफ़ में 7 वाक्य रखें, और पोस्ट विथ को 700 से 800 पिक्सल रखें, और कंटेंट को हेडिंग और सबहेडिंग में बांटें।

– कंटेंट अधिक समय तक लोगों के काम आए इसके लिए कंटेंट थोड़ा विस्तार पूर्वक अध्ययन करके लिखें। ट्रेंडिंग टॉपिक से फ़ौरन फ़ायदा मिल सकता है, इसके साथ-साथ इस तरह के कंटेंट पर ऑर्गैनिक ट्रैफ़िक भी अच्छा मिलता है।

– अच्छा कंटेंट लिखने के साथ ही आपको इसे पब्लिश करने की एक फ्रीक्वेंसी भी बनानी हो, जिससे आपका कंटेंट सर्च इंजन में बना रहे। साथ-साथ इसे अपनी आडियंस को भी आप याद रहें। इससे लिए आप वेबसाइट पब्लिशिंग कैलेंडर बनाकर उसपर अमल करना चाहिए।

– यूटूब पर लाखों लोग रोज़ लाखों घंटे विडियो देखते हैं, क्योंकि उन्हें ऐसा करने में ज़्यादा मज़ा आता है। अपने कंटेंट में कुछ वीडियो डालकर आप आडियंस को ज़्यादा देर तक वेबपेज पर रोक सकते हैं।

– अपने ऐडसेंस और एनालिटिक्स एकाउंट को कनेक्ट करके आप कंटेंट ग्रुप्स और लैंडिंग पेज रिपोर्ट बना सकते हैं। इससे आप जान सकेंगे, कौन सी थीम बेस्ट वर्क कर रही है और किन पेजों पर आडियंस बार बार आती है।

– इन दो रिपोर्ट का प्रयोग करके और एनालिटिक्स रिपोर्ट में डेमोग्राफ़िक और इंटरेस्ट टैब से अपने रीडर्स के बारे में जानने की कोशिश कीजिए – उनकी रुचि, पसंद और नापसंद – और इन सीख से अपने कंटेंट कैलेंडर के साथ प्रयोग कीजिए।

उपरोक्त ऐडसेंस बेस्ट प्रैक्टिसेस के ज़रिए आप अपने रीडर्स, विज़िटर्स और आडियंस को आकर्षित करके अपना रेवेन्यू बढ़ा सकते हैं।

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Founder, Tech Prevue. Doing Pro Blogging Since 2008.

1 COMMENT

  1. Sir aap please yek baar meri Blog dekhiye kya mai Google adsense ke liye sign up kar sakta hu plz sir bataye

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