मैं ब्लॉग पर साल 2005 से ऐडसेंस प्रयोग करता रहा हूँ। तबसे यह मेरे लिए ऑनलाइन कमाई का रास्ता रहा है। एडसेंस के साथ अनुभव काफ़ी लम्बा है, इसलिए काफ़ी उतार चढ़ाव भी रहे हैं। लेकिन इसका कोई विकल्प अभी तक इसके आगे टिका नहीं है। अभी तक यह सबसे ज़्यादा कमाई दिलाने वाला ऐड नेटवर्क साबित हुआ है। बस मैं ऐडसेंस पॉलिसी का पालन करता रहा हूँ।
मैंने आपको पहले भी ऐडसेंस से कमाई बढ़ाने के लिए टिप्स दिए हैं, लेकिन ऐडसेंस की शर्तें बहुत कड़ी हैं, और इसलिए आपको ऐडसेंस पॉलिसी का पालन करना चाहिए। चाहे बात साइट लेवल की हो या फिर अकाउंट लेवल की। पॉलिसी के पालन के लिए ज़मीन आसमान एक करने की ज़रूरत नहीं है।
बहुत से लोगों को अक्सर ऐडसेंस डिसेबल होने का मैसेज आ जाता है और फिर वो मुझसे अपनी प्रॉब्लम शेअर करते हैं। जिसका उत्तर सबको मिल सके इसलिए मैं आज इस पोस्ट को पब्लिश कर रहा हूँ। ताकि भविष्य में किसी का ऐडसेंस अकाउंट बंद न हो।

पांडा एल्गोरिद्म जारी करने के बाद ऐडसेंस की क्वालिटी गाइडलाइंस में भी ज़रूरी बदलाव किए गए हैं। साल 2011-12 में बहुत से एशिया पैसेफ़िक यूज़र्स को उनके ख़राब और कॉपीराइटेड कंटेंट डालने के लिए ऐडसेंस से बैन किया गया था। इसके साथ इनवैलिड क्लिक भी एक बड़ी समस्या है, जिस वजह से लोगों का ऐडसेंस बंद हो जाता है। लेकिन इस पर हम दूसरी किसी पोस्ट में चर्चा करेंगे।
गूगल ऐडसेंस पॉलिसी बहुत सख़्त है इसलिए बड़े-बड़े धुरंधर ब्लॉगर्स भी इसकी चपेट में आ चुके हैं। जिन्हें अपनी साइट पर से गूगल ट्रांसलेशन विजेट तक हटाना पड़ा है।
ऐडसेंस पॉलिसी
अगर ऐडसेंस पब्लिशर्स आगे बताई गई ग़लतियाँ करने से बचें तो कभी उनका ऐडसेंस अकाउंट बंद नहीं होगा।
ऐडसेंस शर्तों को मानकर पॉलिसी उल्लंघन करने से बचें –
1. इनवैलिड क्लिक
इसी वजह से अधिकतर ऐडसेंस अकाउंट अक्सर ख़तरे की ज़ोन में रहते हैं। नए यूज़र्स कम ब्लॉग ट्रैफ़िक के चलते अर्निंग नहीं कर पाते हैं। अक्सर बहुत से लोग अपने दोस्तों से एडसेंस ऐड्स पर क्लिक करने को कह देते हैं, या ख़ुद ही आइपी बदल-बदलकर क्लिक करते रहते हैं। गूगल के लिए इस तरह की एक्टिविटी पकड़ना चुटकियों का काम है, जिसके बाद वो ऐडसेंस खाता बंद कर देते हैं।
इसलिए आप ये ग़लती तो कभी मत करें।
2. भाषा
ऐडसेंस सभी भाषाओं के लिए उपलब्ध नहीं है। इसलिए अगर आप किसी मान्य भाषा के लिए ऐडसेंस अप्रूव करवाने के बाद किसी अमान्य भाषा की साइट पर ऐडसेंस प्रयोग कर रहे हैं तो आपको ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। क्योंकि चोरी कभी न कभी पकड़ी जाएगी, जिससे होने वाली कमाई से आपको हाथ धोना पड़ेगा।
अगर आप किसी बहु-भाषी साइट पर भी ऐडसेंस प्रयोग करते हैं और उनमें से एक भाषा ऐडसेंस पॉलिसी का उल्लंघन करती हो तो भी ऐडसेंस अकाउंट बंद किया जा सकता है।
3. ऐड यूनिट की संख्या
ऐडसेंस की एक तीन यूनिट की किसी वेब पेज पर लगाई जा सकती है। इस बारे में हम जल्द ही एक पोस्ट लिखेंगे। अगर आप तीन से अधिक ऐड यूनिट लगा लेते हैं, तो गूगल इसे ग़लती समझकर तीन से अधिक यूनिट पर विज्ञापन नहीं दिखाएगा। वैसे भी तीन से अधिक यूनिट लगाने पर सीपीसी कम हो जाता है।
अगर आपको एडसेंस की तीन से अधिक ऐड्स दिखाने हैं तो आपको प्रीमियम ऐडसेंस पब्लिशर्स बनना पड़ेगा।
4. ईमेल में ऐड यूनिट
बहुत से लोग आमदनी बढ़ाने के चक्कर में गूगल ऐडसेंस को ईमेल के साथ भेजना शुरू कर देते हैं। जब कोई ईमेल वायरल होने लगती है तो वह गूगल की नज़र में आ जाती है। जिसके बाद आपका ऐडसेंस अकाउंट बंद कर दिया जाता है।
इसलिए ये बेवकूफ़ी कभी मत करें।
5. ऐड टाइटल
बहुत से पब्लिशर्स पेज पर जहाँ ऐड यूनिट लगाते हैं, उसके आस पास – यहाँ क्लिक करें, जैसा कोई मिसलीडिंग टाइटल भी डाल देते हैं। जिससे रीडर्स उसपर क्लिक कर देते हैं।
गूगल इसे ऐडसेंस ऐड पर ज़बरदस्ती क्लिक बढ़वाने की ट्रिक मानता है और ज़रूरत पड़ने पर ऐडसेंस खाता बंद कर देता है।
5. स्टिकी साइडबार
अगर आप ऐसी ब्लॉग डिज़ाइन प्रयोग कर रहे हैं, जिसमें स्टिकी साइडबार है और आपने उसमें ऐड लगा रखा है तो यह भी ऐडसेंस पॉलिसी का वॉयलेशन है।
इसी तरह आपको ऐडसेंस ऐड्स को पॉप-अप या आइफ़्रेम में भी नहीं लगाना चाहिए। इससे भी ऐडसेंस अकाउंट बंद होने का ख़तरा बना रहता है।
6. मोबाइल ऐड
आज कल मोबाइल पर साइट अधिक खोली जाती है। इसलिए गूगल ने इस सम्बंध में भी नीतियाँ बनाईं हैं जिससे अनुसार…
– एक पेज पर एक समय में दो ऐड यूनिट नहीं दिखनी चाहिए
– हेडर के ऊपर-नीचे या पोस्ट टाइटल के ऊपर नीचे, 300*250 या बड़े आकार की ऐड यूनिट नहीं प्रयोग करनी चाहिए। इसकी जगह आपको 320*100 आकार का यूनिट का प्रयोग करना चाहिए।
7. दूसरे ऐड नेटवर्क
दूसरे ऐड नेटवर्क गूगल ऐडसेंस के साथ प्रयोग करते समय इस बात का ध्यान रखिए कि गूगल ऐडसेंस पॉलिसी का उल्लंघन न करते हों। इस वजह से भी आपका ऐडसेंस अकाउंट बंद किया जा सकता है।
8. ऐडसेंस कोड से छेड़छाड़
ऐडसेंस ऐड यूनिट कोड से किसी तरह की छेड़छाड़ कभी मत कीजिए। उसे किसी इमेज के ऊपर या आसपास क़तई न लगाइए। यह साफ़-साफ़ गूगल ऐडसेंस का उल्लंघन है। इस वजह से भी आप ऐडसेंस के प्रयोग से वंचित किए जा सकते हैं।
9. दूसरों की पोस्ट चेपना
बहुत से लोग दूसरों की मेहनत पर ऐडसेंस से कमाई करने का सपना देखते हैं। इस वजह से वे बिना सोचे समझे कॉपीराइटेड कंटेंट को भी अपनी साइट पर डाल देते हैं। जिस वजह से न केवल आपका ऐडसेंस खाता बंद हो सकता है। बल्कि द्वितीय पक्ष द्वारा आपके साथ क़ानूनी कार्रवाई भी सम्भव हो सकती है।
10. पायरेटेड कंटेंट वाली साइट के लिंक देना
अगर आप किसी ऐसी साइट का लिंक अपनी साइट पर दे रहे हैं जो कॉपीराइट कंटेंट या चोरी की सामग्री बांट रही है, तो आपका ऐडसेंस अकाउंट निरस्त कर दिया जाएगा। उदा० के लिए अगर आप किसी ऑडियो, विडियो या सॉफ़्टवेयर के पायरेटेड कंटेंट को शेअर करने वाली साइट को लिंक कर दें तो यह भी ऐडसेंस पॉलिसी का वॉयलेशन है।
कुछ ऐसे कंटेंट होते हैं, जिन पर गूगल ऐडसेंस का प्रयोग पूरी तरह निषेध होता है –
– व्यस्क सामग्री
– हिंसक सामग्री
– जातिवादी सामग्री
– हैकिंग व क्रैकिंग सामग्री
– ड्रग, एल्कोहल की ख़रीद फ़रोख़स्त वाली साइट की सामग्री
– हथियार की ख़रीद फ़रोख़स्त वाली साइट की सामग्री
– निबंध आदि बेंचने वाली साइट
ये बस कुछ उदाहरण हैं, लेकिन अन्य बहुत सी श्रेणियाँ हैं। इसलिए आप ऐसे कंटेंट को अपनी साइट पर मत प्रकाशित करें अथवा ऐसे कंटेंट वाले पेजों से ऐडसेंस यूनिट हटा दीजिए।
11. वेब ट्रैफ़िक ख़रीदना
यदि आप अपनी साइट के लिए वेब ट्रैफ़िक ख़रीदते हैं और आपकी साइट पर ऐडसेंस प्रयोग किया जाता है तो यह कारण भी आपका ऐडसेंस अकाउंट निरस्त करवा सकता है। इसलिए लिए आप गूगल की क्वालिटी गाइडलाइंस को पूरा पढ़ सकते हैं। जिससे आपको हर बात का पता चला जाएगा।
12. अन्य बातें
– ऐड यूनिट को 404 पेज, एक्ज़िट पेज, लॉगिन पेज या थैंक यू पेज पर नहीं लगाना चाहिए।
– सिर्फ़ वीडियो वाले पेजों पर ऐड लगाते समय आपको 300 शब्दों का वर्णन भी डाल देना चाहिए।
यह काम पॉलिसी का उल्लंघन नहीं हैं –
– सोशल मीडिया प्रोमोशन करना
– एड यूनिट का रंग रूप बदलना
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