ऐडसेंस या एफ़िलीएट मार्केटिंग क्या बेस्ट है

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पहले के मुक़ाबले आज घर बैठे ऑनलाइन आमदनी करने वालों की संख्या बढ़ गयी है। इस बात में कोई शक नहीं है कि ब्लॉगिंग के दम पर आमदनी करने का इरादा रखने वाला अपना पहला दाँव ऐडसेंस पर ही लगाता है। ऐसा इसलिए है कि उसने प्रसिद्ध ब्लॉगरों की ऐडसेंस आमदनी से प्रभावित होता है। लेकिन प्रोफ़ेशनल ब्लॉगर सिर्फ़ ऐडसेंस के भरोसे ही नहीं बैठे रहते हैं वे ऐडसेंस के साथ एफ़िलीएट मार्केटिंग करके भी अच्छी कमाई करते हैं।

कोई नया ब्लॉगर जब ब्लॉगिंग शुरु करता है तो वह ऐडसेंस और एफ़िलीएट मार्केटिंग के बीच उलझ-सा जाता है वह सोचता है कि वह दोनों में से किससे ज़्यादा पैसा कमा सकता है? और इंटरनेट पर सही उत्तर की तलाश में रहता है।

हम इसी विषय पर यह पोस्ट प्रस्तुत कर रहे हैं, ताकि सभी ब्लॉगर्स ऐडसेंस और एफ़िलीएट दोनों का समुचित प्रयोग करके आर्थिक लाभ अर्जित कर सके।

ऐडसेंस या एफ़िलीएट मार्केटिंग क्या बेस्ट है

मैं शुरुआत में ही आपको यह जानकारी देना सही समझता हूँ कि आप ऐडसेंस के साथ एफिलिएट मार्केटिंग का प्रयोग कर सकते हैं, बशर्तें एफ़िलीएट नेटवर्क गूगल ऐडसेंस पालिसी का पालन करता हो। किसी भी ब्लॉग में न हो तो बहुत अधिक ऐडसेंस विज्ञापन होने चाहिए और न ही एफ़िलीएट विज्ञापन। यदि आप तीन से अधिक ऐडसेंस यूनिट का प्रयोग करते हैं तो यह ऐडसेंस पालिसी का खुला उल्लंघन है और एफ़िलीएट मार्केटिंग के लिंक लगा दें और उन्हें प्रबंधित न करें तो इससे आपके ब्लॉग की रैंक पर सीधा प्रभाव पड़ता है। सर्च इंजन बॉट कभी-कभी एफ़िलीएट विज्ञापनों की वजह से आपके ब्लॉग को सर्च इंजन में नीचे ढकेल देते हैं।

यदि आपने एफ़िलीएट मार्केटिंग के सम्बंध में पिछली पोस्ट नहीं पढ़ी है तो अभी यहाँ क्लिक करके पढ़ें। यदि आप ऐडसेंस का प्रयोग अभी हाल ही में शुरु किया है तो आपको ऐडसेंस रिपोर्ट को अच्छे से देखना और उसे समझना आना चाहिए इसके लिए ऐडसेंस टर्मिनोलॉजी

ऐडसेंस और एफ़िलीएट मार्केटिंग के बीच तुलना

Comparison between AdSense and Affiliate Marketing

  • ऐडसेंस अकाउंट की तुलना में एफ़िलीएट नेटवर्क से जुड़ना आसान रहता है, बशर्ते आपकी साइट का ट्रैफ़िक अच्छा हो।
  • ये कहना मुश्किल है कि एफ़िलीएट से ज़्यादा पैसा मिलेगा या ऐडसेंस से, दोनों का सीधा सम्बंध आपकी साइट पर प्रकाशित हो रही सामग्री, सर्च इंजन रैंक और ट्रैफ़िक से है। एक ठीक प्रकार से प्रबंधित ब्लॉग पर एफ़िलीएट मार्केटिंग से कमाई की सम्भावना ऐडसेंस से अधिक होती है, लेकिन हर ब्लॉग पर ऐसा हो इसकी गारंटी कोई नहीं दे सकता है।
  • एफ़िलीएट मार्केटिंग होने वाली कमाई आपको 100 डॉलर पूरे करने से पहले मिल जाती है, किसी पर यह 5 डॉलर तो किसी पर 25 डॉलर या उससे ज़्यादा हो सकती है, जिससे आप अपने पेपाल खाते में या सीधे बैंक खाते में पा सकते हैं। ऐडसेंस अकाउंट में आपको 100 डॉलर की कमाई करने के बाद ही आपको पैसा आपके बैंक अकाउंट में भेजा जाता है।
  • एफ़िलीएट मार्केटिंग लगभग हर विषय पर लिखे जा रहे ब्लॉग के लिए विज्ञापन उपलब्ध कराते हैं लेकिन गूगल आपकी ब्लॉग सामग्री को लेकर बहुत सचेत रहता है, अनेक विषय ऐसे हैं जिनके लिए ऐडसेंस विज्ञापन आप नहीं दिखा सकते हैं यदि आप दिखाने की कोशिश करें तो आपका ऐडसेंस खाता निरस्त हो जाता है।
  • एक लोकप्रिय ब्लॉग से अनेक एफ़िलीएट कम्पनियाँ खुद सम्पर्क करके अच्छा रेवेन्यू देने का दावा करती हैं इसलिए आप एक से अधिक एफ़िलीएट नेटवर्क से जुड़ सकते हैं और अपनी कमाई की सम्भावनाओं को बढ़ा सकते हैं। इसके विपरीत गूगल ऐडसेंस गूगल द्वारा चलाया जा सकता है और इसका मार्केट में कोई बराबर का विकल्प नहीं है।
  • ऐडसेंस जिस माह में आप 100 डॉलर पूरे करते हैं उसके अगले माह के अंतिम सप्ताह में आपको पैसे भेजता है। जबकि एफ़िलीएट मार्केटिंग में आपके न्यूनतम तय कमाई करने के कुछ दिनों बाद ही आपको आपकी कमाई मिल जाती है।
  • यदि आपमें एफ़िलीएट मार्केटिंग अच्छे से करनी आती हो तो आप अपने एफ़िलीएट विज्ञापन के ज़रिए ज़्यादा कमाई कर सकते हैं। जबकि ऐडसेंस विज्ञापन के क्लिक और उन पर मिलने वाले सीपीसी पर सीधा कंट्रोल नहीं होता है।

यदि आप ऊपर से सभी बिंदु पढ़कर यहाँ तक पहुँचे हैं तो आपको एफ़िलीएट मार्केटिंग से कमाई करना सरल लग रहा होगा और आमदनी बढ़ाने के लिए उत्साहित भी होंगे। लेकिन एफ़िलीएट मार्केटिंग शुरु करने पहले उसे पूरी तरह समझना बहुत ज़रूरी है।

एफ़िलीएट मार्केटिंग में विज्ञापन देने वाले अक्सर साइट के वेबमास्टर से अपने होमपेज पर या किसी सम्बंधित पेज पर विज्ञापन लगाने का अनुरोध करते हैं लेकिन अमेज़न, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील जैसे एफ़िलीएट नेटवर्क इस पर गौर नहीं करते हैं कि आपने एफ़िलीएट लिंक कहाँ जोड़ा है बस उनका प्रोडक्ट बिकना चाहिए और उसके बिकते ही कमीशन आपके खाते में आ जाता है। ऐडसेंस विज्ञापन को आप ऐडसेंस पालिसी का पालन करने वाले किसी भी पेज पर लगा सकते हैं।

एफ़िलीएट लिंक से मिलने वाली कमाई प्रोडक्ट के दाम और उसपर मिलने वाले कमीशन पर निर्भर करती है, उदाहरण के लिए यदि मँहगे फोन को बेचें जिस पर 5-10% का कमीशन हो तो आप खुद समझ सकते हैं कि 10 ही सेल करवा कर आप कितना अधिक कमा सकते हैं जबकि ऐडसेंस से उतनी कमाई आपको एक महीने में भी आ जाये तो आप खुद को भाग्यशाली समझिए।

ध्यान देने वाली बात है कि एफ़िलीएट मार्केटिंग के लिंक व बैनर लगा देने भर से ही आपको ग्राहक नहीं मिल जाते हैं, आपको ग्राहकों का ध्यान बार-बार आकर्षित करवाना पड़ता है, ताकि वह उस पर क्लिक करके उस प्रोडक्ट को ख़रीदें और आपको कमीशन मिले यदि आप मार्केटिंग में जलवा नहीं दिखा पाये तो आप खाली हाथ रह जायेंगे। इसलिए ऐडसेंस पर विश्वास नहीं खोना चाहिए और उन जगहों पर ऐडसेंस ही लगा रहने देना चाहिए जहाँ से ऐडसेंस अधिक कमाई दे रहा हो।

इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि आप ऐडसेंस और एफ़िलीएट मार्केटिंग पर बराबर ध्यान लगायें ताकि महीना ख़त्म होते-होते आप अच्छा कमा सकें।

मुझे लगता है कि अब ऐडसेंस और एफ़िलीएट मार्केटिंग को लेकर आपके मन में चल रहा द्वंद ख़त्म हो गया होगा। किसी भी प्रश्न या सुझाव के लिए टिप्पणी अवश्य करें।

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