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कुछ लोग ब्लॉगिंग तो करते हैं लेकिन दूसरे ब्लॉगरों को न ही पढ़ते है न उनके ब्लॉग पर कमेंट (अंग्रेजी: Blog comments) करते हैं। कभी गूगल से कुछ सर्च कर लिया, किसी ब्लॉग से कोई जानकारी ले ली लेकिन एक कमेंट करने में परेशानी लगने लगी। क्या आपके साथ भी ऐसा होता है? अगर हाँ तो शायद आपको ब्लॉग कमेंट करने के फ़ायदे नहीं मालूम हैं।

इस आर्टिकल में हम ब्लॉग कमेंट करने के फ़ायदों पर चर्चा करने वाले हैं। ये भी जानेंगे कि ब्लॉग कमेंट न करने पर आपको क्या नुक़सान उठाने पड़ रहे हैं।

ब्लॉग कमेंट करने का सीधा संबंध ट्रैफ़िक, एसईओ और पर्सनल रिलेशनशिप से होता है। आइए जानें यह संबंध किस तरह का है।

ब्लॉग कमेंट करने से क्या फायदा होता है?

1. बैकलिंक

किसी दूसरे ब्लॉग पर कमेंट करने का सबसे बड़ा फ़ायदा उससे मिलने वाला बैकलिंक होता है। अक्सर नए ब्लॉगर शिक़ायत करते हैं कि उनके ब्लॉग पर सर्च इंजन से ट्रैफ़िक नहीं आ रहा है तो इसका सबसे बड़ा कारण बैकलिंक की कमी होना है। बैकलिंक आपकी साइट को सर्च इंजन में रैंक कराते हैं और इससे डोमेन अथारिटी के साथ-साथ पेज अथारिटी भी बढ़ती है।

इसके अलावा जब आप किसी ब्लॉग पर कमेंट करते हैं तो उसे पढ़ने वाले दूसरे विज़िटर्स को आपके ब्लॉग के बारे में भी जानकारी मिलती है। जिससे उनमें से कई आपके ब्लॉग के पाठक बन जाते हैं।

ब्लॉग कमेंट से मिलने वाले बैकलिंक अक्सर नोफ़ॉलो होते हैं। जिनकी वैल्यू बहुत कम होती है लेकिन फिर भी यह बहुत काम की चीज़ हैं। ब्लॉग कमेंट करने से नए ब्लॉग सर्च इंजन में जल्दी इंडेक्स कर लिए जाते हैं।

2. ब्लॉग ट्रैफ़िक

ब्लॉग का प्रचार करने के लिए कमेंट करने से अच्छा कुछ नहीं है। इससे आने वाला ट्रैफ़िक या तो डायरेक्ट होता है या फिर ऑर्गैनिक होता है। जिसे सर्च इंजन की दृष्टि से अच्छा माना जाता है।

ब्लॉग ट्रैफ़िक बढ़ जाता है जिसकी आपको आज की डेट में सबसे अधिक ज़रूरत है। ब्लॉग कमेंट करने का भी अपना तरीका है। सिर्फ़ बढ़िया, वाह क्या बात है आदि कमेंट करने का कोई मतलब नहीं है। आपको कमेंट कम से कम 50 शब्दों में लिखना चाहिए। जिसमें टॉपिक से सम्बंधित बात ही होगा। अनरगल बात लिखने कोई लाभ नहीं मिलने वाला है।

आज वर्डप्रेस के साथ-साथ ब्लॉगर में भी थ्रेडेड कमेंट होते हैं। जिसमें आप किसी के प्रश्न का उत्तर दे सकते हैं या अपने प्रश्न का उत्तर पा सकते हैं।

आज सोशल मीडिया का ज़माना है फ़ेसबुक जैसा बड़ा ब्रांड भी आपको कमेंट बॉक्स ऐड करने की सुविधा देता है। इस पर आने वाले कमेंट से आपकी ब्लॉग पोस्ट फ्री प्रोमोट होती है। साथ ही ब्लॉग के लिए अच्छे सोशल सिगनल्स बनते हैं। एसईओ की दृष्टि से इसका बहुत महत्व है।

blog comment concept

कमेंट करने में इन बातों का ध्यान दें –

1. कोशिश करके पहला कमेंट करें
2. कमेंट कम से कम 50 शब्दों में लिखें
3. सुनिश्चित करें कि gravatar.com पर आपकी ईमेल के साथ आपने अपनी फ़ोटो अटैच की है।

कमेंट में अपने नाम की जगह कोई कीवर्ड इस्तेमाल करने से एसईओ की नज़र काफ़ी फायदे हैं। लेकिन बहुत से ब्लॉगर इसे कतई स्वीकार नहीं करेंगे और आपके कमेंट डिलीट कर देंगे। लेकिन अगर आप अपने नाम के साथ कमेंट करते हैं तो वह झट से आपके कमेंट को एप्रूव कर देंगे।

3. सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन

एसईओ के क्या फायदे हैं, हममें से अधिकतर लोग बहुत कुछ जानते हैं। ठीक तरह से ब्लॉग कमेंट करके एसईओ का फायदा लिया जाता है। ऑफ़-साइट एसईओ के लिए कमेंट से बैकलिंक प्राप्त करना अच्छा माना जाता है।

1. कीवर्ड को अपना नाम बनाकर इस्तेमाल करें।
2. डूफ़ॉलो बैकलिंक देने वाले ब्लॉगों की सूची बनाएं।
3. टॉप कमेंटेटर विजेट का प्रयोग करके कमेंट करने वालों को प्रोत्साहित करें।

सिर्फ़ वैल्यू ऐडेड कमेंट ही करें। बेकार अपना समय बर्बाद न करें।

4. आपसी सम्बंध

ब्लॉग कमेंट करके आप दूसरे ब्लॉगर्स के साथ अपने संबंध बेहतर कर सकते हैं। हो सकता है कि यह संबंध बनने थोड़ा समय लगे लेकिन कमेंट मिलने से कौन खुश नहीं होता है। आप किसी को खुश करके देखिए संबंध तो अपने आप बन जाएगा। दूर की सोचें और कमेंट के समय ज़रूर निकालें।

आप अच्छा लिखते हैं लेकिन आपका ब्लॉग पढ़ने कोई नहीं आता है तो निराश होने की ज़रूरत नहीं है। ब्लॉग कमेंट करके देखें आपको रियल टाइम में फ़ायदा दिखने लगेगा।

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Founder, Tech Prevue. Doing Pro Blogging Since 2008.

11 COMMENTS

  1. जी विनय जी आपने सही कहा हो सकता है हम एक कमेंट में भले ही एडमिन की नजर ने न आये अगर हम हर न्यू पोस्ट पर कमेंट करेगे तो नजर में तो आ ही जायेगे और दुसरे ऑथर से रिलेशन शिप भी अच्छा बनेगा
    आपसे लास्ट मुलाकात लखनऊ में हुई थी
    धन्यवाद

  2. सर बहुत अच्छी जानकारी दी सच में, क्योंकि नये ब्लॉगर्स के लिए ट्रेफिक लाना बहुत कठिन काम होता है तो कमेंटिंग बहुत अच्छा ऑप्शन है.

  3. बहुत अच्छी जानकारी दी है सर अपने थैंक्स , पर आज तक में यह समझ नहीं पाया की नोफ़ॉलो और डूफ़ॉलो लिंक किया होता है. और यह कैसे बनाये जाते है.

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