आपकी वेबसाइट के किसी पेज पर आने वाले विज़िटर्स अगर उसे बिना पढ़े ही बंद कर दें तो इसे तकनीकी भाषा में बाउंस कहते हैं। आपने पिछले लेख में जाना था कि बाउंस रेट क्या है| वेबपेज को खोलकर बिना देखे या पढ़े बंद करने वाले और महीने भर के कुल विज़िटर्स का जो प्रतिशत होता है, बाउंस रेट (अंग्रेजी: Bounce Rate) कहलाता है। आप अपनी वेबसाइट का बाउंस रेट गूगल एनालिटिक्स (अंग्रेजी: Google Analytics) में देख सकते हैं। अगर आपकी वेबसाइट पर 30% से कम बाउंस रेट है तो आपकी मेहनत सफल है। अगर 60% से ज़्यादा है तो थोड़ी मेहनत और करनी पड़ेगी। आइए आपको बाउंस रेट कम करने के टिप्स देते हैं।
बाउंस रेट की गणना
बाउंस रेट = (तुरंत वेब पेज बंद करने वाले विज़िटर्स की संख्या / एक महीने में जितने विज़िटर्स आपके वेबपेज पर आए)* 100
बाउंस रेट कम कैसे करें
How to Reduce Bounce Rate in Google Analytics?
1. सही वेब डिज़ाइन
वेब डिज़ाइन करते समय विज़िटर्स की पसंद वाले ग्राफ़िक्स यानि चित्र प्रयोग करें। भड़कीले और चटक रंगों के प्रयोग से बचें। वेबसाइट जितनी साधारण होगी उसे एक्सेस करना उतना आसान होगा।
2. विज़िटर्स के मतलब का कंटेंट
आप वेबसाइट पर अपने नहीं बल्कि पाठकों की पसंद की जानकारी प्रकाशित कीजिए। अच्छे से अच्छा लिखने की कोशिश करें। बातों को स्पष्ट और सरल शब्दों में बताएँ।
3. मल्टीमीडिया का इस्तेमाल
मल्टीमीडिया का प्रयोग करके विज़िटर्स को वेब पेज पर रोका जा सकता है। पढ़ने से कहीं ज़्यादा आसान देखना और सुनना होता है। इसलिए अच्छे पिक्चर, ऑडियो और विडियो डालना मत भूलें।
4. पेज लोड टाइम कम रखें
पेज लोड टाइम को ऑप्टिमाइज़ करना बेहद ज़रूरी है। मल्टीमीडिया के इस्तेमाल से पेज लोड टाइम बढ़ जाता है। अगर पेज खुलने में अधिक समय लगा तो विज़िटर्स दूसरी वेबसाइट देखने चला जाएगा।
5. कीवर्ड का प्रयोग
आप कीवर्ड रिसर्च टूल्स का इस्तेमाल करके अपने टॉपिक से संबन्धित कीवर्ड्स सर्च कर सकते हैं। कीवर्ड पाठकों को आकर्षित करते हैं लेकिन भ्रामक कीवर्ड डालकर पाठकों को वेबपेज तक न लाएँ। कोई काम की जानकारी न मिलने पर वे पेज फौरन बंद कर देंगे। जिससे बाउंस रेट बढ़ता है।
6. मोबाइल फ्रेंडली साइट
आपको अपनी साइट को मोबाइल फ्रेंडली बनाना चाहिए। जिससे मोबाइल विज़िटर्स आपके बेवपेज को धीमे इंटरनेट पर भी पढ़ सकें।
7. लम्बे आर्टिकल्स
हर पेज या पोस्ट में न्यूनतम 300 शब्दों जानकारी देनी चाहिए। जिससे पाठक को पढ़ने में समय लगे और बाउंस रेट कम हो सके।
8. कैटेगरी कम रखें
कैटेगरी अधिक होने से हर कैटेगरी में कंटेंट कम हो जाता है। जिससे विज़िटर्स को लगता है कि साइट पर कंटेंट कम है। यह विज़िटर्स के पेज बंद करने का यह प्रमुख कारण है। कैटगरी कम हों तो विज़िटर्स को अपनी पसंद की कैटगरी में रुकने का मन बन जाता है।