डूफ़ॉलो और नोफ़ॉलो लिंक्स का क्या मतलब है?

विज्ञापन

जब भी सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन (Search Engine Optimization) की बात आती हैं कुछ सामान्य शब्दों जैसे नोइंडेक्स, इंडेक्स, नोफ़ॉलो, डूफ़ॉलो, मेटा रोबॉट टैग्स आदि की चर्चा होती हैं। एस.ई.ओ. की दृष्टि से सभी शब्द महत्वपूर्ण हैं। इस लेख में हम सिर्फ़ डूफ़ॉलो और नोफ़ॉलो लिंक की बात करने जा रहे हैं। आज भी बहुत से हिंदी ब्लॉगर एस.ई.ओ. में नोफ़ॉलो और डूफ़ॉलो शब्दों के बारे में कोई जानकारी नहीं रखते हैं। यह लेख विशेषकर नये ब्लॉगर्स के लिए बहुत काम का रहेगा।

डूफ़ॉलो और नोफ़ॉलो लिंक
“नोफ़ॉलो एक एचटीएमएल एट्रीब्यूट (HTML Attribute) या मेटा टैग है जो कि सर्च इंजन के बॉट्स को यह निर्देश देती हैं कि सर्च इंजन में उस नोफ़ॉलो मार्क किये गये लिंक की रैंक पर अच्छा या बुरा किसी प्रकार का प्रभाव न डाला जाए। नोफ़ॉलो का उद्देश्य होता है कि सर्च इंजन में अच्छे लिंक्स को अधिक ऊपर स्थान मिले जिससे स्पैम लिंक्स की रैंक न बढ़े। इसलिए ब्लॉगर या वर्डप्रेस ब्लॉग्स में कमेंट्स में डाले जाने वाले लिंक्स पर डिफ़ाल्ट वैल्यू नोफ़ॉलो ही सेट रहती है।”

नोफ़ॉलो लिंक क्या है?

किसी हाइपर लिंक पर नोफ़ॉलो एचटीएमएल एट्रीब्यूट लगा देने से सर्च इंजन बॉट उसके लिए कोई प्रतिक्रिया नहीं करते हैं। जिसका अर्थ है कि यदि वेबसाइट का मालिक नोफ़ॉलो का प्रयोग करके आपको लिंक जूस पास नहीं करता है। नोफ़ॉलो एट्रीब्यूट वाले लिंक्स सिर्फ़ मानव पाठकों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि वे उस पर क्लिक करके उन पर जा सकते हैं और वहाँ दी गयी जानकारी को पढ़ सकते हैं। गूगल पहले ही यह बात साफ़ कह चुका है कि नोफ़ॉलो एट्रीब्यूट वाले लिंक्स अगर कम महत्वपूर्ण हैं तो इसका ये अर्थ नहीं है कि उनका कुछ भी महत्व नहीं है। यानि हाइ ट्रैफ़िक वेबसाइट से मिलने वाले नोफ़ॉलो लिंक भी काम के साबित होते हैं। सामान्य रूप से हम नोफ़ॉलो लिंक्स तब बनाते हैं जब हम उस हाइपर लिंक के साथ लिंक जूस देना नहीं चाहते है।

नोफ़ॉलो लिंक का उदाहरण –

<a href="http://www.google.co.in/" rel="nofollow">Google India</a>

डूफ़ॉलो लिंक क्या है?

डूफ़ॉलो लिंक गूगल, बिंग आदि सभी सर्च इंजन बॉट्स को फ़ॉलो करके उन्हें उस पेज पर पहुँचने देता है जिसका वह लिंक होता है। इसका सीधा अर्थ है कि आप उस लिंक के साथ लिंक जूस शेअर कर रहे होते हैं। डूफ़ॉलो लिंक्स को बॉट्स और मानव पाठक दोनों एक्सेस कर सकते हैं। डूफ़ॉलो लिंक्स प्राय: टारगेट कीवर्ड्स के साथ प्रयोग करने से सर्च इंजन रैंक बढ़ती हैं।

डूफ़ॉलो लिंक का उदाहरण –

<a href="http://www.google.co.in/" >Google India</a>

ध्यान देने योग्य बात है कि किसी हाइपर लिंक को डूफ़ॉलो एट्रीब्यूट देने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। सभी साधारण लिंक्स स्वयं में डूफ़ॉलो लिंक्स होते हैं।

महत्वपूर्ण –

गूगल टीम कहती है कि किसी लेख की शुरुआत में दिये गये नोफ़ॉलो लिंक पोस्ट के अंत में दिये गये नोफ़ॉलो लिंक के अपेक्षा बेहतर है और आपकी सर्च रैंक के लिए एक अच्छी बात होगी।

पाठकों के लिए ज़रूरी टिप्स –

यदि आप अपने ब्लॉग में एफ़िलिएट लिंक्स दे रहे हैं तो उन पर नोफ़ॉलो एट्रीब्यूट ज़रूर लगायें। कम रैंक वाली साइट के लिंक जब पोस्ट में देने ही पड़े तो उन्हें नोफ़ॉलो कर दें। इससे आपकी साइट की सर्च इंजन रैंक नहीं घटेगी।

यदि अभी भी मन में कोई प्रश्न शेष हो तो कमेंट अवश्य कीजिए।

Keywords: nofollow vs dofollow, difference between nofollow and dofollow links, difference between nofollow and dofollow HTML attributes, difference between nofollow and dofollow meta tags

Previous articleवेबसाइट में बाउंस रेट का क्या मतलब होता है?
Next articleफ्री हिंदी पंचांग डाउनलोड कीजिए
Founder, Tech Prevue. Doing Pro Blogging Since 2008.

3 COMMENTS

  1. Backlinks बहुत इम्पोर्टेंट होते है ब्लॉग को रैंक कराने के लिए सच में बहुत अच्छे से समझाते हैं. मैं बहुत फॉलो करता हूं आपके ब्लॉग को.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here