ऐसे व्यक्ति जो एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते हुए टेक्नोलॉजी की सहायता से काम करते और कमाते हैं, उन्हें डिजिटल नोमैड / Digital Nomad कहा जाता है। हिंदी में आप इन्हें डिजिटल घुमंतू या डिजिटल घुमक्कड़ भी कह सकते हैं। आज स्मार्ट डिवाइसेज और पोर्टेबल टेक्नोलॉजी ने डिजिटल नोमैड्स काम आसान कर दिया है। आपकी तरह वो भी इंटरनेट का प्रयोग करके पूरी दुनिया से संपर्क रहते हैं। इंटरनेट के जरिए डिजिटल घुमंतू अपने कमाने खाने का इंतजाम कर लेते हैं। फ्रीलांसिंग जॉब जैसे फोटोग्राफी, ग्राफिक डिजाइन, कोडिंग, वेब डिजाइन, सॉफ़्टवेयर डिवेलपमेंट और कंटेंट राइटिंग आदि एक डिजिटल नोमैड्स की जीवनशैली / Digital Nomad Lifestyle को आसान बना देते हैं। आज के समय में ये लोग ऑनलाइन बिजनेस करते हैं और नोमैड आंत्राप्रनर / Nomad Entrepreneur कहलाते हैं। आपको डिजिटल नोमैड अक्सर कॉपी शॉप्स और पब्लिक लाइब्रेरीज में मिलेंगे।
डिजिटल नोमैड जीवनशैली का परिचय
Introduction – Digital Nomad Lifestyle in Hindi
आप अभी तक लग रहा होगा कि यह बहुत कूल प्रोफेशन / Cool profession है। अगर मैं डिजिटल नोमैड बन जाऊं तो मुझे दुनिया की सैर करने और नई नई जगहें देखने को मिल जाएंगी। लेकिन यह सब आसान नहीं होगा, आपको घूमने के साथ-साथ कमाई पर ध्यान देना होगा। जिसके लिए आपको अपनी जॉब का सारा काम समय से पहले करना होगा ताकि घूमने फिरने के लिए ज्यादा समय मिले। यानि आपको ज्यादा स्मार्ट और इफिशिएंट होना पड़ेगा। सिर्फ वीकेंड्स / Weekends में घूमने वाले रोजमर्रा की ऑफिस जॉब करने वाले भी डिजिटल नोमैड की श्रेणी में गिने जाते हैं।
आइए डिजिटल नोमैड लाइफस्टाइल को करीब से जानते हैं –
सैर सपाटे में बदलाव
डिजिटल नौमैड लाइफस्टाइल अपनाने के बाद अपनी हर जरूरत को पूरा करना होगा। कई बार किसी स्थान पर न चाहकर भी ज्यादा समय रुकना पड़ेगा। अक्सर कमाई या तकनीकी कारणों से ऐसा करना जरूरी होता है।
स्थान का चयन
अधिकतर डिजिटल नोमैड्स मेट्रो शहरों में बसते हैं, यहाँ उन्हें अपनी लाइफस्टाइल के अनुसार सुविधाएं मिलती हैं। कस्बे और गांवों में बिजली और इंटरनेट की समस्या रहती है। कभी कभी डिजिटल घुमक्कड़ को अपना काम करने के लिए स्थानीय ऑफिस में जॉब करनी पड़ती है।
दिनचर्या
किसी आम नोमैड की तुलना में डिजिटल नोमैड लाइफस्टाइल अधिक सुव्यवस्थित होती है। ऐसा ऑनलाइन वर्क करने के कारण हो पाता है। इसी वजह से वो ऑफिस में काम कर पाते हैं और केवल वीकेंड्स पर सैर सपाटा करते हैं।
स्थानीय लोगों से दोस्ती
जब कभी स्थान पर कई दिन रुकना पड़ता है, तब उनकी लाइफस्टाइल स्थिर हो जाती है। अपने दैनिक कामों के लिए उस जगह की जीवनशैली अपनानी पड़ती है, उनके जैसा बन जाना पड़ जाता है। वहाँ के लोगों से मेलजोल रखना पड़ता है, ताकि उनका रहन-सहन सीख सकें। एक डिजिटल नोमैड को अपने सोशल सर्कल में स्थानीय लोग अधिक होते हैं, ताकि उसके रोजमर्रा के काम आसान बन जाएं।
आपको डिजिटल घुमक्कड़ की जीवनशैली के बारे में जानकर कैसा लगा? क्या आप डिजिटल घुमक्कड़ / Digital Nomad बनना पसंद करेंगे? आप अपने मन की बात पाठकों के साथ शेअर करना मत भूलें।