ब्लॉगर में जियोटैगिंग (Geo tagging) का विकल्प बहुत समय पहले से ही उपलब्ध है किंतु हममें से बहुत कम ही लोग इसका प्रयोग कर रहे हैं। जियोटैगिंग बहुत ही काम ही चीज़ है इससे आप अपनी पोस्ट “किस स्थान से” या “किस स्थान के बारे में” लिख रहे हैं कि स्पष्ट जानकारी गूगल मैप पर अपने पाठकों के साथ बाँट सकते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर आप ताजमहल के बारे में कोई पोस्ट लिख रहे हैं तो उसे आपको अपनी पोस्ट अवश्य ही जियोटैग करना चाहिए। जियोटैगिंग आपके पाठकों को किसी निश्चित स्थान के आस पास की सभी पोस्टों को ब्राउज़ करने की सुविधा देता है। इससे स्थानीय गूगल सर्च में आपकी स्थिति और बेहतर हो सकती है जिससे आपके ब्लॉग का एसईओ सुधरता है।
ब्लॉग पोस्ट में जियोटैगिंग का प्रयोग
जब आप ब्लॉगर ब्लॉग पर पोस्ट एडिटर “Post Editor” में कोई पोस्ट लिखते हैं तो आपको दायीं ओर साइडबार में ऐड लोकेशन “Add Location” का विकल्प देख सकते हैं। यदि आप जिस स्थान को जियोटैग करना चाहते हैं तो उसका पता, शहर या पिनकोड पता होना चाहिए। अगर आप किसी पहाड़ी के बारे में पोस्ट लिख रहे हैं और आपको उसकी सही स्थिति का पता नहीं है तो मैप में उसे ढूँढ़कर या सही स्थान पर मार्कर लगाकर पोस्ट में उस स्थान को जियोटैग कर सकते हैं।
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ब्लॉगर पोस्ट में लोकेशन या जियोटैगिंग विकल्प |
इस प्रकार पर जियोटैग किया गया स्थान पोस्ट के नीचे एक लिंक के रूप में दिखेगा और जब आप उसपर क्लिक करेंगे तो गूगल मैप “Google Maps” पेज पर वह स्थान दिखने लगेगा। यह स्थान आपके ब्लॉग के आर एस एस और एटम फ़ीड “RSS and Atom Feeds” में जियोआरएसएस “GeoRSS” का प्रयोग करके दिखेगा। इसका मतलब यह है कि फ़ीड रीडर्स, मैप एप्लिकेशंस और सर्च इंजंस आपकी पोस्ट को सम्बंधित स्थान से सम्बद्ध कर देंगे।
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ब्लॉग पोस्ट में जियोटैग्ड लिंक |
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जियोटैग्ड लिंक पर खुलने वाला गूगल मैप |
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