वीमेन ऑन्तरप्रनर्स का मेक इन इंडिया में योगदान

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मेक इन इंडिया का विचार इसलिए छाया हुआ है कि भारत के सुनहरे भविष्य के लिए ऑन्तरप्रनरशिप की आवश्यका महसूस की जा रही है। भारत आज एक अर्ध-पिछड़ी कम्यूनिटी के रूप में सामने आया है, जहाँ एक तरफ़ महिलाओं के अधिकार की बात होती है, वहीं दूसरी ओर उन्हें पढ़ने और नौकरी या बिजनेस करने के पर्याप्त अवसर नहीं दिए जाते हैं। आज हम बात कर रहे हैं किन कारणों से हमें भारत में वीमेन ऑन्तरप्रनर्स की आवश्यकता है।

वीमेन ऑन्तरप्रनर्स का मेक इन इंडिया में योगदान

वीमेन ऑन्तरप्रनर्स - Indra Nooyi
Indra Nooyi, Committee Encouraging Corporate Philanthropy’s 6th Annual Board of Boards CEO Conference in New York City on February 28, 2011.

1. समाज में उदाहरण प्रस्तुत करना

पुरानी परम्पराओं से हटकर भारतीय सोसाइटी को सचमुच स्ट्रांग और स्वतंत्र महिलाओं बिजनेस वीमेन रूप में सामने लाकर नये उदाहरण स्थापित करने चाहिए। जो समाज के लिए प्रेरणा बन सकें। आज आवश्यकता है कि हम महिलाओं को घर से बाहर की दुनिया में अपनी जगह बनाने दें। उन्हें उनके सपने पूरे की पूरा अवसर दें।

2. न्यूट्रिलिटी पर विश्वास स्थापित करना

जब वीमेन ऑन्तरप्रनर्स की संख्या बढ़ जायेगी तो समाज में न्यूट्रिलिटी पर विश्वास लाने में आसानी होगी। वीमेन ऑन्तरप्रनर के रूप में वह सभी महिलाओं के रोज़मर्रा की समस्याओं की समझकर सही हल प्रस्तुत कर सकने में सक्षम होगी।

3. लिंगभेद की भावना ख़त्म करना

आज समाज की पुरानी रुढ़िवादी विचारधारा के अनुसार कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें महिलाओं के लिए कोई अवसर नहीं है। यह कहकर वे उन्हें वहाँ काम करने का अवसर ही नहीं देते हैं। जब वीमेन ऑन्तरप्रनर्स अपनी पोज़िशन लेंगी तब वे इस विचारधारा को बदल कर रख देंगी। इससे महिलाओं को हर क्षेत्र में काम करने के समान अवसर मिल सकेंगे।

Kanchan Naikawadi, Director, India Health Plus Pvt Ltd
Kanchan Naikawadi, Director, India Health Plus Pvt Ltd

4. सफलता

दुनिया भर में हो रही रिसर्च से यही सामने आया है कि महिलाओं द्वारा शुरु किए जा रहे स्टार्टअप ज़्यादा सफल हैं। यह माना जा रहा है कि महिलाएँ फ़ाइनेंस सम्बंधित रिस्क को हैंडल करने और क्रिएटिव आइडिया देने में ज़्यादा समर्थ हैं।

5. कस्टमर को समझना

एक अन्य स्टडी में यह बात खुलकर सामने आयी है कि महिलाएँ घर में काम करने और खर्चों का ध्यान रखने में बढ़िया होती हैं। इससे समझना आसान हो जाता है पुरुषों की तुलना में महिलाएँ कस्टमर परसेप्शन को अधिक बेहतर ढंग से समझती हैं।

6. सम्बंधों की समझ

जब सम्बंधों को समझने की बात हो तो एक औरत से बेहतर कोई नहीं समझ सकता है, क्योंकि वह इमोशनल और समझदार होती है। वे अपने कर्मचारियों और सहयोगियों के बारे में सजग होती हैं। दूसरे की प्राब्लम समझने में वीमेन ऑन्तरप्रनर्स ज़्यादा सक्षम होती हैं।

7. बेहतर पर कैपिटा इनकम

अगर अर्थव्यवस्था की दृष्टि से देखा जाए तो महिलाओं के बिजनेस करने के कारण, हमारे देश में पर कैपिटा इनकम बढ़ जायेगी।

जब हमें देश में ज़्यादा से ज़्यादा ऑन्तरप्रनर्स की आवश्यकता हो तो जो वीमेन ऑन्तरप्रनर्स की बात को अनदेखा नहीं करना चाहिए।

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