एम्पलॉई टर्नओवर की स्थिति में मैनेजर का हाथ

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जब कम्पनी की बात हो तो एम्पलॉई टर्नओवर पर दूसरे कारणों की तरह ध्यान देना चाहिए। जब तक बहुत बड़ी मंदी न हो तब तक कम्पनी हायर एम्पलॉई टर्नओवर की तरफ़ ध्यान नहीं देती है।

तो भी ऐसे बहुत किसी एम्पलॉई के जॉब छोड़ने के कई कारण होते हैं, इनमें से एक कारण कम्पनी का मैनेजर भी होता है। एक लीडर और मैनेजर होने के नाते इस कुर्सी पर बैठने वाला व्यक्ति पूरी क्षमता से टीम को उत्साहित करके उसे प्रबंधित करता है, तो भी, यह परिस्थिति कभी एक जैसी नहीं होती है। तो मैनेजर ऐसा क्या करता है कि कोई अच्छा एम्पलॉई जॉब छोड़कर चला जाता है।

एम्पलॉई टर्नओवर में मैनेजर का रोल

1. काम का बोझ

कॉर्पोरेट्स में बहुत काम पूरा करने का प्रेशर होता है, तो भी, एक मैनेजर के तौर पर, टीम पर प्रेशर घटाते हुए काम की प्रोडक्टिविटी बढ़ाता है। लेकिन कुछ मैनेजर ऐसे भी होते हैं जो समय पर काम पूरा कराने के लिए टीम पर बहुत प्रेशर डालते हैं। वो भूल जाते हैं कि कम्पनी में काम करने वाले एम्पलॉई भी आदमी हैं और उन्हें भी साँस लेने व पूरी नींद लेने की आवश्यकता होती है।

Work Load Management

2. प्रेरणा की कमी

जब काम पूरा करने की डेडलाइन पास आ रही हो और धैर्य दम तोड़ रहा हो, तो एक मैनेजर को आदर्श रूप में उद्धारक होना चाहिए। टीम को पैर के अंगूठे पर खड़ा रहने के लिए प्रेरणा देनी चाहिए, चाहे उसमें पैसा खर्च हो या न हो। लेकिन कॉर्पोरेट सेक्टर के सभी मैनेजर ऐसा नहीं करते हैं।

3. आदेश और निर्देश

एक उच्च स्तर की हाइआरारकी के कारण, मैनेजर को अपने ऊपर के अधिकारियों से आदेश मिलता है जिसे वह अपनी टीम के एम्पलॉई को पास कर देता है। जब मैनेजर काम में स्वयं भाग न लेकर सिर्फ़ निर्देश देता रहता है तब स्थिति बिगड़ जाती है। इससे एम्पलॉई में प्रेरणा की कमी आ जाती है और वे स्वयं को ठगा हुआ फ़ील करते हैं। एक अच्छे मैनेजर को अपने उत्तरदायित्वों का बोध होना चाहिए और काम को स्वयं पूरा कराने में योगदान देना चाहिए। इसका अर्थ है कि उसे अपनी ज़िम्मेदारियों को समझना चाहिए और एम्पलॉई टर्नओवर को रोकना चाहिए।

4. पक्षपात

आज कल कॉर्पोरेट्स में किसी एक व्यक्ति या फिर किसी ग्रुप फ़ेवर लेने की प्रथा देखी जा सकती है। जब कोई एम्पलॉई फ़ील करता है कि एक जैसी मेहनत और समय लगाने के बाद भी उसके काम का सम्मान नहीं हो रहा है, जैसा दूसरों के साथ होता है तो उसमें निराशा और नैतिक पतन आ जाता है। एक मैनेजर को कभी भी ऐसी परिस्थिति पैदा नहीं होने देनी चाहिए।

5. आलोचना

आलोचना का सकारात्मक पक्ष ये होता है कि इसे किसी को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है, लेकिन फिर भी कुछ मैनेजर इसलिए आलोचना करते हैं क्योंकि उन्हें आलोचना करनी है। चाहे उनके पास आलोचना का कोई कारण हो या फिर वे स्वयं आलोचना का कारण उत्पन्न करें, उनकी आलोचना सिर्फ़ कष्ट देने के लिए होती है। सकारात्मक आलोचना का हमेशा स्वागत किया जाता है। जिसकी अलोचना की जाती है वह भी इसे सकारात्मक रूप लेता है। लेकिन कुछ मैनेजर आलोचना नहीं अपमान करते हैं और एम्पलॉई टर्नओवर को बढ़ा देते हैं।

एम्पलॉई टर्नओवर - Business manager

6. अनुचित व्यवहार

सभी एम्पलॉई हर बात के लिए हाँ नहीं करेंगे, कुछ एम्पलॉई ऐसे भी होते हैं जो अपनी नैतिकता, अपने मान-सम्मान और सिद्धांत के साथ समझौता नहीं करते हैं। जब ऐसे एम्पलॉई देखते हैं कि उनका मैनेजर अनुचित व्यवहार या ग़लत काम कर रहा है तो वे जॉब छोड़कर चले जाते हैं। कहें तो एम्पलाई टर्नओवर की स्थिति हो जाती है।

7. अयोग्य का प्रमोशन

जब एम्पलॉई देखते हैं कि उनका मैनेजर किसी अयोग्य व्यक्ति को प्रमोशन दे रहा है तो उनके दिल को चोट पहुँचती है। इसलिए एक मैनेजर को प्रमोशन देते समय किसी भी प्रकार का पक्षपात नहीं करना चाहिए। जब किसी एम्पलॉई के मन के प्रमोशन को लेकर कोई डाउट हो तो समय रहते उसे क्लियर कर देना चाहिए।

8. लोगों के कौशल की कमी

कॉर्पोरेट वर्ल्ड को औपचारिक होना चाहिए, क्योंकि लोगों का कौशल बहुत आवश्यक होता है। जो मैनेजर लोगों के कौशल की कमी से जूझता है, वह बड़े एम्पलॉई टर्नओवर का सामना करता है। अच्छी भाषा, प्रेरक व्यक्ति और शांत स्वभाव – आपमें एक टीम मैनेजर के रूप में ये गुण होने चाहिए।

Team Manager

9. चुनौतियों की कमी

हम सभी अपना कम्फ़र्ट ज़ोन छोड़कर उन्नति करना चाहते हैं। चुनौतियाँ एम्पलॉई को अपनी उन्नति के बारे में सोचने का अवसर देती हैं, इसलिए अगर आपकी कम्पनी और काम में चुनौतियों का अभाव है तो भी एम्पलॉई जॉब छोड़कर जाते हैं। जब कोई मैनेजर अपने एम्पलॉई को सकारात्मक चुनौतियाँ देते, तो उनकी जॉब उबाऊ हो जाती है और शायद वे उससे अच्छी जॉब के अवसर तलाशने की तैयारी करने लगते हैं।

10. अव्यवस्थित कार्यशैली

अक्सर एक मैनेजर को एक रोल मॉडल के रूप देखा जाता है। इसलिए ज़रूरी हो जाता है कि वह अपनी टीम को सही निर्देशित करे और देखे कि काम पूरी गति से हो। लेकिन जब मैनेजर ही ठीक से काम न करे तो तब अव्यवस्था, उलझन और रिसोर्सेज ख़राब होने लगते हैं। इसलिए आदर्श रूप से मैनेजर को काम व्यवस्थित ढंग से सम्पन्न करना चाहिए वरना अव्यवस्था एम्पलॉई के मध्य घबराहट उत्पन्न कर देगी।

11. गैर ज़िम्मेदार बर्ताव

एम्पलॉइज़ का गैर ज़िम्मेदार बर्ताव निश्चित रूप से निराशाजनक स्थिति होती है। जिस तरह उनसे ज़िम्मेदार होने की अपेक्षा की जाती है, उसी प्रकार एक मैनेजर से भी यही अपेक्षा करनी चाहिए। मैनेजर का गैर ज़िम्मेदार बर्ताव एम्पलाइज़ को अशांत कर सकता है। किसी कॉर्पोरेट में गैर ज़िम्मेदार व्यक्ति का, ख़ासकर मैनेजर का, कभी भी स्वागत नहीं किया जाता है।

मैनेजर का काम आसान दिखता है लेकिन होता नहीं है, क्योंकि उसे दुनिया की सबसे कॉम्पलेक्स मशीन यानि मानव का प्रबंधन करना पड़ता है। एक अच्छा मैनेजर अपने टीममेट्स के साथ आदर और सम्मान से पेश आता है। सभी एम्पलॉई चाहते हैं कि उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार काम और प्रमोशन मिले। वे हमेशा चाहते हैं कि काम चैलेंजिंग हो और उन्हें अपने उत्तरदायित्वों से मुँह न मोड़ना पड़े। मैनेजर टीम को केवल निर्देश न दे बल्कि टीम के साथ काम भी करे।

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