गूगल ने ऐडसेंस पब्लिशर्स को ख़ुश करने के लिए पॉलिसी में बड़ी अपडेट दी है। आमतौर पर प्रोडक्ट और पॉलिसी चेंज की जानकारी नहीं दी जाती है, यह यूज़र्स की ज़िम्मेदारी है कि वो इसके बारे में ख़ुद सजग रहें। यही कारण है कि हज़ारों वेब पब्लिशर्स गूगल सर्च और ऐड प्रोडक्ट की जानकारी के बारे में छापते रहे हैं। अधिकतर पब्लिशर्स को इसकी जानकारी भाग्य से हो जाती है, या किसी और से इसकी जानकारी मिल जाती है। इसी तरह हमें नई ऐडसेंस पॉलिसी New AdSense Policy के बारे में पता चला है, आइए आज आपको इसके बारे में बताते हैं।

पॉलिसी चेंज का विज़ुअल प्रूफ़
आप इन दोनों इमेज पर क्लिक करके पालिसी में हुए बदलावों के बारे में जान सकते हैं। पुरानी इमेज 10 अगस्त 2016 की पालिसी की जानकारी देती है, वहीं नई इमेज नई पालिसी की जानकारी शेअर करती है।
पुरानी ऐडसेंस पॉलिसी

नई ऐडसेंस पॉलिसी

पॉलिसी चेंज की विस्तृत जानकारी
आपको पुरानी पॉलिसी की कुछ लाइनें देख सकते हैं, जिन्हें हटा दिया गया है, और इसकी जगह पर नई पॉलिसी अपडेट कर दी गई है।
पुरानी पॉलिसी में ऐड यूनिट लगाने की सीमा
इस पॉलिसी के अनुसार ऐडसेंस पब्लिशर्स हर पेज पर:
– तीन कंटेंट ऐड यूनिट लगा सकते थे।
– तीन लिंक यूनिट लगा सकते थे।
– दो सर्च बॉक्स लगा सकते थे।
– एक से अधिक बड़ी ऐड यूनिट 300*600 नहीं लगा सकते थे।
नई पॉलिसी में हुए बदलाव
– किसी पेज पर लगा हुआ ऐडवर्टाइज़िंग और पेड प्रोमोशनल मैटीरियल पेज के कंटेंट से ज़्यादा नहीं होना चाहिए।
– इसके साथ ही, आज जो कंटेंट प्रकाशित कर रहे हैं, उसकी कुछ वैल्यू होनी चाहिए और उसे रीडर्स के अनुसार तैयार किया जाना चाहिए।
अगर आपकी साइट पर बेकार या कम शब्दों का कंटेंट है, इन बातों को ध्यान में रखते हुए ऐडसेंस आपकी वेबसाइट पर ऐड दिखाना बंद कर सकता है। जब तक कि आप अपनी साइट पर सही बदलाव न कर लें। जिन पेजों को गूगल कोई वैल्यू नहीं देगा, वो इस प्रकार हैं:
– मिररिंग, फ़्रेमिंग, स्क्रैपिंग और दूसरे सोर्स से लिया हुआ कंटेंट बिना कुछ ऐड किए प्रकाशित करना।
– जिन पेजों पर कंटेंट से ज़्यादा ऐड दिखाए जा रहे हों।
– ऐसे कंटेंट जो आटोमैटिकली जेनेरेट किए जा रहे हों, और उनका रिव्यू न किया गया हो।
– पेज जो गूगल वेबमास्टर क़्वालिटी गाइडलाइन को न फ़ॉलो करता हो।
नई ऐडसेंस पॉलिसी चेंज का सारांश
1. आप एक पेज में 3 से अधिक ऐड यूनिट लगा सकते हैं।
2. अब आप एक से अधिक बड़े ऐड यूनिट (> 300×600) लगा सकते हैं।
3. आप मोबाइल पेजों पर एबव द फ़ोल्ड सिर्फ़ 320*100 आकार की एक ऐड यूनिट लगा सकते हैं। बिलो द फ़ोल्ड में कोई लिमिट नहीं है।
पॉलिसी में हुए बदलाव का क्या मतलब है
साधारण रूप में देखा जाए तो यूज़र्स को ऐड लगाने की खुली छूट दे दी गई है। अभी तक आप सिर्फ़ AdX का प्रयोग करने पर ही तीन से अधिक ऐड यूनिट का प्रयोग कर सकते थे। अब से आप वही काम ऐडसेंस के साथ कर पायेंगे।
नई ऐडसेंस पॉलिसी आपके कंटेंट पर कड़ी नज़र रखेगी, यानि जो अच्छा और असली कंटेंट लिखेगा, उसे ज़्यादा लाभ मिलेगा। नहीं तो ऐडसेंस एकाउंट बंद होने की नौबत आ सकती है।
इस बात का अनुमान लगाना कठिन नहीं है कि पॉलिसी में ये बदलाव ऐड ब्लॉकर्स की वजह से किए गए हैं, जिनके कारण पब्लिशर्स को ऐडसेंस रेवेन्यू के मामले में भारी नुक़सान उठाना पड़ा है। अगर कोई ऐड यूनिट की संख्या बढ़ा देता था तो उसे ऐडसेंस एकाउंट की एक्सेस खो देनी पड़ती थी।
एक्सपर्ट सलाह
– आपको इस खुली छूट का फ़ायदा लेना है तो समझदारी से लीजिए। आपको इसके बारे ज़्यादा उत्साहित होने की आवश्यकता नहीं है।
– आप रीडर्स के काम का सही कंटेंट डिवेलप करते हैं, इस बात को सही से समझने की आवश्यकता है।
– दूसरी बात आपको ऐडसेंस रेवेन्यू बढ़ाने के लिए ऐड लेआउट और ऐड यूनिट की a/b testing करनी चाहिए। न कि कहीं भी ऐड यूनिट लगा दें।
sir apne apne blog me kon kon se size ke ads laga rakhe hai?
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