आख़िर आपने कभी सोचा है कि आपके ब्लॉग की सर्च इंजन पहुँच / Search engine reach कम क्यों है? जिस वजह से कम वही वजह आपके ब्लॉग की रैंक नहीं बढ़ने देती है। आपके ब्लॉग की सर्च इंजन पहुँच बढ़ाकर आपने ब्लॉग की रैंक किसी एक जगह नहीं हर जगह बढ़ा सकते हैं लेकिन यह काम इतना आसान नहीं जिसके कि फंडे हर जगह मिल जाते हैं। आज मैं आपको यह नहीं बताऊँगा कि सर्च इंजन में आपकी ब्लॉग कैसे पहुँचे और आपके ब्लॉग या साइट की रैंक कैसे बढ़े? बल्कि यह बताऊँगा कि आपके द्वारा की जाने वाली प्रमुख गलतियाँ क्या हैं जिस वजह से अच्छा लिखते हुए भी आप अपनी रैंक गिरने के खुद जिम्मेवार हैं।
यह लेख सभी ब्लॉगरों को अपनी गलतियाँ सुधारने में मदद करेगा। गूगल, बिंग, याहू व यांडेक्स / Google, Bing, Yahoo and Yandex में आप अपनी रैंक बनाने के लिए कुछ नियम हैं। यदि आप इन नियमों का उल्लंघन करते आये हैं तो आपके ब्लॉग की रैंक व ट्रैफिक / Blog rank and traffic कभी नहीं बढ़ेगा।
Why your blog has less traffic and low rank?
1. अप्रासंगिक और दोहरे लेख › Extraneous and Duplicate Articles
यही सबसे प्रमुख कारण है यदि आप किसी ब्लॉग लेख का संदर्भ लेकर कोई पोस्ट बनाते हैं तो यह ठीक है लेकिन यदि आप पूरी-की-पूरी पोस्ट की नकल उतार देते हैं तो आपके ब्लॉग की रैंक नहीं बढ़ने वाली क्योंकि गूगल और अन्य सर्च इंजन अब इस पर कड़ी दृष्टि रखते हैं। यदि आप एक ही पोस्ट दो ब्लॉग पर प्रकाशित कर देते हैं तो जिस ब्लॉग पर पोस्ट बाद में छपती है उसको सर्च इंजन परिणामों में निकाल दिया जाता है और उसे कोई रैंक नहीं दी जाती है।
यदि आप अपने ब्लॉग पर अप्रासंगिक लेख लिखते हैं तो भी इसका गहरा प्रभाव आपके सर्च इंजन परिणामों की संख्या पर पड़ता है। उदाहरण के लिए यदि आप राजनीति पर अपना ब्लॉग लिखते हैं और आपके ब्लॉग पर कविताएँ भी छपती हैं तो आपके विचार से क्या होगा दोनों प्रकार के पाठक आपके ब्लॉग पर आकर ट्रैफिक बढ़ायेगें? नहीं! ऐसा नहीं होगा वह किसी और ब्लॉग की खोज में लग जायेंगे जहाँ उनको अपने पसंद के लेख मिलेंगे। और यही सर्च इंजन के साथ भी होगा वो भी आपके ब्लॉग के प्रति भ्रमित हो जायेगा और आपके ब्लॉग को सर्च परिणामों में नीचे ढकेल देगा।
इससे बचिए और अपने ब्लॉग पर सबसे हटकर कुछ नया लिखिए।
2. अनियमित ब्लॉगिंग › Irregular Blogging
यदि आप ब्लॉग लेखन में अनियमित हैं तो भी आपके ब्लॉग की रैंक गिर जायेगी, क्योंकि गूगल की नयी नीतियों के अनुसार आपकी ब्लॉग व साइट का रोज़ अपडेट होना ज़रूरी है। इसका उदाहरण है मेरा अपना ब्लॉग: जब मैंने ब्लॉग बनाया था तब मेरे ब्लॉग की पेज रैंक 3 हो चुकी थी 2010 के शुरुआती दौर में पेज रैंक 4 हासिल हो चुकी थी लेकिन 2 साल ब्लॉगिंग में न करने की वजह से यह पेज रैंक 1 तक गिर गयी लेकिन वापस 2 तक खींच चुका हूँ। आशा है कि यह आगे बढ़ेगी। देखते हैं कि क्या होता है। ठीक यही मेरे वर्डप्रेस ब्लॉग के साथ भी हुआ क्योंकि उसपर मैंने लगभग 2 साल पोस्टें ही नहीं डालीं।
3. असम्बंधित पोस्ट शीर्षक › Desultory Post Title
पोस्ट में बात कुछ की गयी हो और उसका शीर्षक कुछ और रखा गया हो। आज कल सर्च बॉट इतने होशियार हो गये हैं कि आपकी पोस्ट और उसके शीर्षक को सम्बंधित तौर से समझ सकें। यदि आप पोस्ट का शीर्षक लोगों को अचम्भे में डालकर अपनी ओर खींचने वाला होता है लेकिन उसकी सामग्री कुछ और होती है तो यह एक दिन के आपके ब्लॉग पर आपके लिए पाठक जमा कर सके लेकिन सर्च इंजन बॉट (Search engine bot) की अगली विजिट पर आपका ब्लॉग गूगल खोज परिणाम में नीचे ढकेल दिया जायेगा।
4. ब्लॉग का SEO ठीक न होना › Not Choosing SEO
गूगल सर्च बॉट यदि आप ब्लॉग पर आकर कंफ्यूज़ /Confuse न हो तो इसके आपको उचित मेटा टैग जोड़ने होंगे। अब ब्लॉगर पर मेटा टैग जोड़ने की आवश्यकता नहीं रहेगी क्योंकि ब्लॉगर ने किसी भी ब्लॉग का SEO ठीक से प्रबंधित करने के लिए नये विकल्प जोड़े हैं। SEO का अर्थ है अपने ब्लॉग और पोस्टों को सर्च इंजन के अनुकूल करना। लेकिन अभी तक बहुत कम ब्लॉगर इसे ठीक से समझकर इसे अपने ब्लॉगों पर लागू कर पायें हैं। यह बहुत ज़रूरी तथ्य है जिसपर आपको विचार से आगे बढ़कर कार्य करने की ज़रूरत है।
इसके ऊपर मैंने पहले ही बहुत पोस्टें लिखी हैं, जिनसे आप लाभांवित हो सकते हैं।
[Post Link: https://taknikdrashta.com/2012/07/enable-blogger-all-new-seo-features.html]
5. पोस्ट परमालिंक ठीक न होना › Inappropriate Post Permalink
परमालिंक का बहुत महत्व होता है, इसलिए गूगल ब्लॉगर ने परमालिंक को अपनी पोस्ट शीर्षक के अनुसार बनाने के लिए इसे कस्टमाइज़ करने की सुविधा दी है। ताकि हिंदी में ब्लॉग लिखने वाले रोमन हिंदी में अपने पोस्ट परमालिंक बना सकें। ताकि सर्च इंजन बॉट आपके ब्लॉग पेजों को ठीक से इंडेक्स (Index) कर सकें।
पोस्ट परमालिंक की अधिक जानकारी के लिए यह पोस्ट देखें –
[Post Link: https://taknikdrashta.com/2012/07/customized-permalinks-by-blogger-to-make-better-seo.html]
6. बैकलिंक का लेन-देन प्रबंधन सही न होना › Backlink Mismanagement
बैकलिंक ले-देकर आप अपने ब्लॉग का प्रचार दूर-दूर तक कर सकते हैं। लेकिन यह काम भी बहुत समझकर करना चाहिए और साइबर अराजक तत्वों को अपने ब्लॉग पर लिंक देकर शामिल नहीं करना चाहिए। बैंकलिंक मात्र अच्छे ब्लॉगों से लेना व देना चाहिए। सार्थक ब्लॉगिंग करने वालों का लाभ लेने के लिए आपको उनसे बैकलिंक के लेन-देन की बात करनी चाहिए। लेकिन सिर्फ़ उनसे जो नियमित ब्लॉगिंग करते हों।
बैकलिंक विजेट कैसे बनायें इसकी जानकारी के लिए यह पोस्ट पढ़ें –
[Post Link: https://taknikdrashta.com/2012/08/backlink-widget-for-blogger.html]
7. व्यर्थ सरहना/विवाद करना › Don’t Be Moaner
पोस्ट में कभी यह नहीं जताना चाहिए कि आप किसके द्वारा कितने प्रताड़ित किये जा रहे हैं या किसने कहाँ किस ब्लॉग पर आपके ब्लॉग पर अपनी भड़ास निकाली। आपके एक दिन में कितने विजिटर आये क्योंकि यह सब बातें आपके ब्लॉगिंग विषय से आपके ब्लॉग को अलग कर देती हैं। आपको अपने ब्लॉग व अपना प्रयोगकर्ता नाम सामान्य ही रखना चाहिए और अपने स्यूडो / pseudo नाम का प्रचार नहीं करना चाहिए।
8. अपने पाठकों की पहचान न कर पाना › Know Your Customer / Readers
बहुत बार हम सोचते हैं कि हमारा पाठक वह है जो हमारे ब्लॉग पर आ जाता है जबकि ब्लॉगर एक कस्टमर की भाँति होता है जो आपका ब्लॉग पढ़कर उससे लाभान्वित होता है और आपके ब्लॉग पर नियमित रहता है। जो कि अन्य मित्रों को भी आपके ब्लॉग पर भेजता है। कोशिश करके अपने पाठक को अपने कस्टमर में भी बदला जा सकता है। उसे अपनी कविताएँ, लेख, किताबें और तकनीकि ज्ञान सर्विस के तौर पर बेचा जा सकता है।
साथ ही आपको अपने जैसे ब्लॉगों पर जाकर उनसे अपने सम्बंध स्थापित करना चाहिए और उनसे कटुता रखने की बजाय उनसे मित्रता करनी चाहिए। ताकि वो अपने मित्रों से आपके ब्लॉग की चर्चा करें। चाहे वो सकारात्मक चर्चा हो या न नकारात्मक चर्चा। क्योंकि पाठक कभी आपको अपना गुरु मानकर आपकी हर बात नहीं मानेगा वह सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने अनुभव से सीखेगा और करेगा।
›› अपने ब्लॉग का SEO सुधारने के लिए इन लेखों का संदर्भ ले सकते हैं।
achhi jankari