आजकल हम सभी मोबाइल फ़ोन प्रयोग करते हैं इसके बिना जीवन अधूरा लगता है। जहाँ मोबाइल के प्रयोग से हमें अनेक सुविधाएँ प्राप्त हो गयीं हैं वहीं इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरण वाली यह डिवाइस आपके स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डाल सकती है। मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन से बधिरता, कमज़ोर याददाश्त, दिल की बीमारियाँ, नपुंसकता और ब्रेन ट्यूमर जैसी अनेक बीमारियों की आशंका बनी रहती है।
1. कम रेडिएशन वाला फ़ोन ख़रीदिए
मोबाइल फ़ोन से हमारे शरीर पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों को देखते हुए भारत सरकार ने तय किया भारत में बिकने वाले मोबाइल फ़ोंस का स्पेसिफ़िक एब्ज़ोर्प्शन रेट (Specific Absorption Rate; SAR) 1.6 वाट/किग्रा से कम होगा। इसलिए यह आवश्यक है कि आपके कम से कम स्पेसिफ़िक एब्ज़ोर्प्शन रेट वाला मोबाइल फ़ोन ही प्रयोग करें।
2. अनावश्यक मोबाइल पास न रखें
मोबाइल इस तरह जीवन में शामिल हो चुका है कि हम सदा उसे अपने क़रीब ही रखते हैं। उसे हमेशा अपने हाथों और जेब में रखते हैं। यदि आप अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत हैं तो इसे ज़रूरत न होने पर स्वयं से दूर रखें। जिससे इससे निकलने वाले हानिकारक विकिरण से आप बच सकें।
3. ईयरफ़ोन का प्रयोग करें
ईयरफोन सिर्फ़ गाने सुनने के लिए नहीं है आप इससे फ़ोन पर बात भी करें क्योंकि जब आप ईयरफ़ोन का प्रयोग करते हैं तो फ़ोन आपके सिर और कान से दूर रहता है जिससे काफी हद तक आप रेडिएशन से बचे रहते हैं। लम्बी बातचीत के लिए ईयरफोन का प्रयोग करना स्वास्थ्य की दृष्टि से सर्वोत्तम है।
4. मैसेज़िंग ऐप्स का प्रयोग करें
आज व्हाट्सएप जैसे अनेक मैसेजिंग ऐप उपलब्ध हैं जिनका प्रयोग करके आप फोन पर ज़्यादा बात करने से बच सकते हैं। आज ऐसी ऐप्प का प्रयोग बहुत अधिक बढ़ चुका है क्योंकि इनसे आपके मोबाइल बिल में भारी कटौती होती है। साथ ही मोबाइल रेडिएशन का हानिकारक प्रभाव कम होती है।
5. बेहतर मोबाइल नेटवर्क की सेवाएँ लीजिए
जब आप बेहतर मोबाइल नेववर्क सेवा प्रदाता की सेवाएँ लेते हैं तो आपके फ़ोन में हमेशा नेटवर्क फुल रहता है। शोधों से साबित हुआ है कि कमज़ोर मोबाइल नेटवर्क यानि कमज़ोर मोबाइल सिग्नल से मोबाइल रेडिएशन अधिक होता है। इसलिए कोशिश करें कि जब आप फुल कवरेज क्षेत्र में हों तभी लम्बी बात करें।
6. मोबाइल को सही तरीक़े से साथ रखें
मोबाइल को शर्ट और पैंट की जेब में कम से कम रखें क्योंकि शर्ट की जेब में रखने से दिल की बीमारी और पैंट की जेब में रखने से नपुंसकता का ख़तरा रहता है। मोबाइल को तकिए के नीचे रखकर कभी नहीं सोना चाहिए इससे आपकी याददाश्त पर बहुत गम्भीत प्रभाव पड़ता है। इसलिए फोन के लिए एंटीरेडिएशन वाले फोन कवर प्रयोग करें और फ़ोन को आवश्यकता न होने पर ख़ुद से उचित दूरी पर रखें।
7. मोबाइल लम्बी बात कम से कम करें
आपने भी अनुभव किया होगा कि जब आप आप फ़ोन पर लम्बी बात करते हैं तो आपको दिमागी थकावट महसूस होने लगती क्योंकि बीस मिनट फोन को कान से चिपकाकर बात करने से मस्तिष्क का तापमान दो डिग्री सेल्सियस बढ़ जाता है। ऐसा नियमित होने से आपको ब्रेन ट्यूमर हो सकता है। इसलिए फोन पर कम से कम शब्दों में बात को करने की कला सीखिए क्योंकि आपका स्वास्थ्य सबसे पहले है।
8. फ़ोन को बंद कर दीजिए या फ़्लाइट मोड में डाल दीजिए
आज सभी स्मार्टफ़ोंस में फ़्लाइट मोड की सुविधा होती है इससे फ़ोन नेटवर्क से कट जाता है और रेडिएशन की सम्भावना न्यूनतम हो जाती है। यदि आपके फोन में ऐसा विकल्प नहीं है तो आप फोन को बंद करके अपने पास रख सकते हैं। यात्रा के दौरान ऐसा करना सबसे अच्छा माना जाता है।
9. टहल-टहलकर बात न करें
बहुत से लोग सोचते हैं कि जब वे मोबाइल पर बात करें तो साथ में टहल भी लें। लेकिन ऐसा करना स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक है क्योंकि यदि आप कम नेटवर्क वाले क्षेत्र में होंगे तो फ़ोन बार-बार अधिक नेटवर्क सिग्नल के लिए स्कैन करेगा और मोबाइल से होने वाला रेडिएशन कई गुना बढ़ जाएगा। इसलिए किसी एक जगह बैठकर या खड़े होकर बात करें।
10. कई साल पुराने फ़ोंस का प्रयोग करना छोड़ दें
यदि आप 3 साल या उससे अधिक पुरानी टेक्नोलॉजी वाला कोई फोन प्रयोग कर रहे हैं तो उसे तुरंत बदल दीजिए और एक स्मार्टफ़ोन ख़रीदिए जिसका स्पेसिफ़िक एब्ज़ोर्प्शन रेट (Specific Absorption Rate; SAR) 1.6 वाट/किग्रा से कम हो। साथ ही घर में बच्चों को मोबाइल का प्रयोग कम से कम करने दें।
Keywords: